बैजनाथ धाम
शिव के दीप्ति प्रतीक द्वादस ज्योतिर्लिंगों में से एक बैजनाथ ज्योतिर्लिंग है जो झारखंड के देवघर में स्थित है। बैजनाथ मंदिर भारत में सबसे प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगो में से एक है या बाबा धाम के नाम से भी जाना जाता है। सभी शिव ज्योतिर्लिंगो स्थली में बैजनाथ धाम का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह देश का 51 शक्तिपीठों में से एक है। मंदिर परिसर में बाबा बैजनाथ का मुख्य मंदिर और अन्य 21 मंदिर शामिल है। बाबाधाम के प्रति श्रद्धालुओ में अतुत श्रद्धा है।
मान्यता :-
बैजनाथधाम में त्रिशूल की जगह पंचशूल लगा है। ऐसी मान्यता है कि ये पंचशूल मानव शरीर के पंच विकार काम, क्रोध, मोह, लोभ और मद का प्रतीक है।
इतिहास :-
बैजनाथ धाम मंदिर 2 पौराणिक कथाओ से जुड़ा हुआ है। इसका जिक्र वेद-पुराणों में भी मिलता है।
जिसका मुताबित लंका पति रावण तप और तपस्या के बल पर शंकर भगवान को खुश किया। खुश होकर भगवान शंकर ने वर मांगे को कहा तब रावण ने शिव जी को जो अपने राज्य लंका ले चलने की इक्षा प्रकट की। शंकर भगवान ने इक्षापूर्ति करते हुई एक शर्त लगा दी, शर्त ये थी कि लंका ले जाते समय जिस स्थान पर मुझे अर्थत शिवलिंग को रख दोगे, मैं वहीं पर स्थापित हो जाऊंगा। परंतु लघुशंखा लगने के करण रावण को शिवलिंग बीच रस्ते में ही रखना पड़ा। और शिवलिंग उसी स्थान पर स्थापित हो गया।
शिवलिंग स्थापित होने के कई साल के बाद बैजू नाम का एक चरवाहा वहां अपने भैंस के साथ रोज आता था और मंदिर में शंकर भगवान को अपनी लाठी से रोज जरूर मारता था। फिर एक दिन बैजू भूल गया और अपने घर खाना खाने के लिए बैठ गया, जब बैजू को याद आया तो वह अपने भोजन को छोड़ कर मंदिर गया, अपनी लाठी से शिवलिंग को मारा और बुरा भला कहा। तबी उसी समय भगवान शंकर ने दर्शन देते हुए कहा कि तुम भले ही मुझे मारने आते हो पर इसी बहाने तुम रोज मुझे याद करते हो.
भगवान शंकर ने बैजू को आशीर्वाद देते हुए कहा कि आज से लोग मेरा नाम लेने से पहले तुम्हारा नाम लेंगे। इसी कारण से इस मंदिर को बैजनाथ धाम मंदिर भी कहते हैं।
- भारत :देश
- राज्य :झारखण्ड
- जिला :देवघर
- सरकार :निकाय देवघर नगर निगम
- क्षेत्र :कुल 119 किमी2 (46 वर्ग मील)
- ऊंचाई :254 मीटर (833 फीट)
- जनसंख्या (2011) :कुल 203,123
- घनत्व :1,700/किमी2 (4,400/वर्ग मील)
- बोली :हिंदी
- पिन कोड :814112